Friday 3 June 2011

चुप -चाप

भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया !
तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया !
किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो !
सब कुछ ज़िन्दगी ने चुप -चाप सहना सिखा दिया !

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